अशोक गहलोत सरकार का प्रयास है कि जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में विभिन्न सामाजिक संगठनों के महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए जाएं। 

राजिस्थान


सरकारी योजनाओं, नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में स्वैच्छिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं सिविल सोसायटी द्वारा दिए गए फीडबैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार का प्रयास है कि जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में विभिन्न सामाजिक संगठनों के महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए जाएं।
ताकि हर वर्ग तक बजट का लाभ वास्तविक रूप में पहुंच सके। 
सचिवालय में स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी एवं उपभोक्ता मंच के साथ बजट पूर्व संवाद के दौरान सम्बोधित किया।
एनजीओ के सुझावों के आधार पर केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने समय-समय पर जनहित में कई फैसले लिए हैं। सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून, शिक्षा का अधिकार जैसे कानूनों को तैयार करने में स्वैच्छिक संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि विभिन्न स्वैच्छिक संगठन जिन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं उन्हें उससे जुड़े विभागों के अनुसार समूह बनाकर चर्चा के लिए आमंत्रित किया जाए, जिसमें वे स्वयं, संबंधित मंत्री एवं अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव इन संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाएं और उनसे चर्चा कर योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में उनका सहयोग ले।
देश के वर्तमान हालात एवं विभिन्न वर्गाें के बीच वैमनस्य फैलाने की दिशा में चल रहे कुत्सित प्रयासों को देखते हुए समाज में समरसता कायम करने के लिए एनजीओ एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम है।