शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमेशा के लिए सड़क नहीं रोक सकते प्रदर्शनकार

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है और 15 दिसबंर से करीब 60 दिन से कालिंदी कुंज-शाहिन बाग सड़क बंद है। 


शाहीन बाग में जारी नागिरकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन ।


दिल्ली शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हमेशा के लिए सड़क बंद नहीं कर सकते 17 फरवरी को फिर होगी मामले की सुनवाई।


नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (NRC) के खिलाफ पिछले करीब दो महीने से जारी शाहीन बाग में प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने सीधे तौर पर प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनंतकाल के लिए किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद नहीं किया जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. अदालत ने कहा है कि अगर इतने दिनों इंतजार किया है तो एक हफ्ता और भी कर सकते हैं. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने कहा कि इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना जरूरी है. सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।


इसके अलावा शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. प्रदर्शन में मासूम और नाबालिगों की भागीदारी रोकने को लेकर भी आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सुनवाई करने का फैसला लिया था।


शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की वजह से सड़क बंद होने की समस्या को समझता है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई को सोमवार तक के लिए टाल दिया था।


जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ की खंडपीठ ने कहा, 'हम समझते हैं कि समस्या है। अब हमारे सामने सवाल यह है कि हम इसको कैसे हल करते हैं?'