शिक्षा विभाग की मिलीभगत से जनपद शिक्षा केन्द्र बैरसिया में चल रहे हैं बगैर मान्यता प्राप्त स्कूल, भ्रष्टाचार के कारण बच्चों के भविष्य से खिलवाड़।

भोपाल: शिक्षा विभाग की मिलीभगत से जनपद शिक्षा केन्द्र बैरसिया में चल रहे हैं बगैर मान्यता प्राप्त स्कूल, भ्रष्टाचार के कारण बच्चों के भविष्य से खिलवाड़।


मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा द्वारा समय-समय पर  शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तरह तरह की योजनाओं को लाकर बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए प्रयास किए जा रहें हैं। लेकिन अधिकारियों की भ्रष्ट नीतियों के चलते सरकार की ऐसी योजनायें  सफेद हाथी बनकर रह जाती हैं।
ऐसी ही एक भृष्टाचार मे संलिप्त अधिकारियों का पैसों से मोह लाखों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करवा रहा है ,और हद तो उस वक्त हो जाती है जब साप्ताहिक समाचारपत्र के संपादक को स्कूल मे संचालित बसों की हकीकत पता चली तो उन्होंने जनपद शिक्षा केन्द्र बैरसिया के अंतर्गत आने वाले प्रायवेट स्कूल मे संचालित बसों की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के पास की।
और फिर एक महिने तक स्कूल की बसों एवं स्कूल संचालक पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही ना होने पर उन्होंने फिर से जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय मे सूचना के अधिकार अधिनियम2005 के अंतर्गत अपने शिकायत पत्र पर हुई प्रगति रिपोर्ट मांगी एवं साथ मे उसी स्कूल की मान्यता से संबंधित दस्तावेजों की सत्यापित छायांप्रति की मांग की तो विकास खण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक श्री योगेश सक्सेना जी बैरसिया द्वारा मान्यता से संबंधित दस्तावेज दिनांक 23/03/2019 को डाक द्वारा भेजे गए जिसमें कृष्णा बैली पब्लिक स्कूल पंचमुखी को राज्य शासन द्वारा कक्षा नर्सरी से कक्षा आठवीं तक की मान्यता दिनांक 01/04/2016 से 31/03/2019तक के लिये दी गई थी।
अब यह जानकारी भी आधी अधूरी होने की बजह से द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग भोपाल मे दिनांक 30/05/2019 को की।
उसके बाद शिवनंदन सिंह सोलंकी जी ने अपने स्तर से जाच पड़ताल शुरु की जिसमें उनके हाथ स्कूल द्वारा हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी के परीक्षा परिणाम मे उपरोक्त स्कूल के बच्चों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था उसके पोस्टर फ्लेक्सों के द्वारा स्कूल का प्रचार किया तब सोलंकी जी को लगा की दाल मे काला नहीं पूरी दाल काली है।
और उन्होंने दिनांक 26/11/2019 दिन मंगलवार को कलेक्ट्रेट मे जनसुनवाई मे स्कूल बंद कराने के लिये आवेदन किया।उस दिन स्कूल संचालक के सौभाग्य से कलेक्टर महोदय की अनुपस्थिति का फायदा उन्हीं के विभाग के अधिकारियों द्वारा शिकायत को बैरसिया ना भेजकर फंदा भेजा गया अब सबाल यह है की अधिकारी से गलती हुई थी या जानबूझकर ऐसा किया गया अब वह शिकायत 13/12/2019 को 18 दिन बाद सही जगह पहूंची ओर 16दिसंबर को जांच अधिकारी द्वारा जांच कर अठारह दिसंबर को निराकरण दे दिया गया की स्कूल के पास कक्षा बारहवीं तक की मान्यता है।जांच अधिकारी द्वारा शिकायत कर्ता के मोबाइल 9893238393 पर स्कूल की मान्यता प्रमाण पत्र वाट्सएप पर भेजा गया जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है की स्कूल द्वारा सत्र 2019-20 मे कक्षा 12 की कक्षाएं संचालित कर सकेगा ।जबकि मान्यता के आधार पर स्कूल द्वारा सत्र 2018-19 मे भी कक्षा12वी की परीक्षा दिलवाई गई थी जिसके फोटोज शिकायत कर्ता द्वारा संलग्न किए गए थे ।इससे साफ नजर आता है की अधिकारियों और स्कूल संचालक द्वारा शिकायत को प्रभावित किया जा रहा है।और दूसरी बात जो मान्यता प्रमाण पत्र शिकायत कर्ता को दिया गया है किसी अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं है।
और एजूकेशन पोर्टल पर कृष्णा बैली की मान्यता कक्षा 8 तक की 01/04/2019 से 31/03/2022 तक है।
उसके बाद शिकायत कर्ता द्वारा दिनांक 14/01/2020 को दोवारा कलेक्ट्रेट मे जनसुनवाई मे शिकायत की गई जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जबकि दस्तावेजों के आधार पर स्कूल संचालन द्वारा अधिकारियों को मोटी रकम दी जाती है ।
अगर अधिकारियों द्वारा बैरसिया क्षेत्र मे संचालित सभी प्रायवेट स्कूलों की जांच सही तरीक़े से की जाए तो ऐसे कई स्कूलों मे ताला लगेगा।
भोपाल से जितेंद्र सिंह सोलंकी