भोपाल: कोरोना वायरस का संक्रमण भारत के साथ ही पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. इसके साथ ही इससे जुड़ी अफवाहें भी उड़ाई जा रही हैं. इन्हीं अफवाहों में से एक है चिकन का कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आना. इसके कारण मुर्गें की बिक्री पर प्रतिकूल असर पड़ा है. हालात ये हो गए हैं कि चिकन का कारोबार घुटने के बल बैठ गया है.
देश के ज्यादातर पोल्ट्री कारोबारी बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं. वजह है कोरोना वायरस के चिकन से फैलने की अफवाह. इस अफवाह की वजह से बाजार में चिकन की मांग निचले स्तर तक पहुंच गया है. इससे पोल्ट्री फॉर्म कारोबारी से लेकर आढ़ती और फिर होटल संचालक, सभी परेशान हैं. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर लोगों का चिकन से मोहभंग क्यों हो गया है?
पोल्ट्री फॉर्म वाले थोक के भाव में पहले जिंदा मुर्गा 90 से 100 रुपये किलो तक बेचते थे, लेकिन अब जो बच गया है उसे खपाने के लिए 30 या 40 रुपये के भाव से बेचने को मजबूर हैं. बड़ी पोल्ट्री फॉर्म चलाने वाले बताते हैं कि जो मुर्गे बचे हैं, उन्हें बेचने के बाद चूजों की दूसरी खेप लाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है. दूसरी ओर गुमठियों में फुटकर के भाव से मुर्गा बेचने वाले बताते हैं कि पहले मुर्गे का गोश्त 150 से 160 रुपये किलो बिकता था, लेकिन अब 70 से 80 रुपये में बेचना पड़ रहा है.