कोरोना वायरस से लडने के लिए भारत की तैयारी क्या है

भारत में भी इस वायरस के 1300 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 38 लोग दम तोड़ चुके हैं. भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है. भारत अब लगातार स्वास्थ्य सेवाओं और उपकरण खरीदने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है ताकि स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर सुरक्षा मिले.


भारत की तैयारी क्या है


भारत के अस्पतालों में फिलहाल 11.95 लाख एन 95 मास्क का स्टॉक है बीते 3 दिनों में 6 लाख से ज्यादा अतिरिक्त मास्क वितरित किए हैं.भारत में दो घरेलू निर्माता हर दिन 50 हजार ए 95 मास्क का उत्पादन कर रहे हैं. यह उत्पादन अगले हफ्ते में 1 लाख से ऊपर पहुंच जाएगा.वहीं डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन यानी DRDO अगले हफ्ते से हर दिन 20 हजार एन 99 मास्क का उत्पादन करेगा.


सोमवार को निजी सुरक्षा उपकरणों (PPE) और मास्क के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 3.34 लाख पीपीई देश के अस्पतालों में मौजूद हैं. वहीं विदेशों से डोनेट किए गए 3 लाख पीपीई 4 अप्रैल तक हमें मिल जाएंगे. मंत्रालय ने कहा कि देश में पीपीई के 11 घरेलू उत्पादक हैं. उनके सुरक्षा उपकरण योग्य पाए गए हैं और 21 लाख पीपीई का ऑर्डर दे दिया गया है. वे लोग प्रतिदिन 6000-7000 पीस सप्लाई करेंगे और यह आंकड़ा अप्रैल के मध्य तक बढ़कर 15000 हो जाएगा.
मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्रालय ने सिंगापुर की एक कंपनी से बात की है और 10 लाख पीपीई का ऑर्डर दिया है, जिसकी सप्लाई भी जल्द शुरू हो जाएगी. वहीं साउथ कोरिया की एक कंपनी से 20 लाख पीपीई मंगाए गए हैं. इस कंपनी की क्षमता एक दिन में 1 लाख सुरक्षा उपकरण उत्पादन करने की है. अगले 10 दिनों में इसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी.


वहीं वेंटिलेटर्स को लेकर भी सरकार गंभीरता दिखाई है. मंत्रालय ने बताया कि नोएडा की एग्वा हेल्थकेयर को हर महीने 10 हजार वेंटिलेटर्स बनाने का ऑर्डर दिया है. 2 अप्रैल से इसकी सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है. भारत के अस्पतालों में 14 हजार मौजूदा वेंटिलेटर्स कोविड-19 के मरीजों के लिए रखे गए हैं. वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से अगले दो महीने में स्थानीय उत्पादकों के साथ मिलकर 30 हजार वेंटिलेटर्स बनाने को कहा गया है. भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माता भी वेंटिलेटर्स के निर्माण के लिए तयारी कर रहे हैं.


इस बीच दवा कंपनियों ने भी सरकार को आश्वासन दिया है कि वो संकट के इस समय में दवाओँ की कमी नहीं आने देंगे. मंत्रालय की ओर से विश्वास दिलाया गया है कि मेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया जा रहा है जिससे कि वो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें.