क्या होगी मध्यप्रदेश की राजनैतिक तस्वीर ? कल होगा सरकार का फ्लोर टेस्ट


 मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कल विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने का निर्देश दिया है। 


मध्य प्रदेश विधानसभा में कल होगा फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने  पत्र लिखकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को बहुमत साबित करने को कहा है


मध्यप्रदेश में जारी सियासी ड्रामे के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने 16 मार्च यानी सोमवार को विधानसभा में कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने के आदेश दिए हैं। जिसकी वजह से राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। देर रात राजभवन से बहुमत परीक्षण को लेकर पत्र राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा गया। जिसमें लिखा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है और सरकार अल्पमत में है। राज्यपाल का कहना है कि स्थिति गंभीर है और कमलनाथ 16 मार्च को सदन में बहुमत साबित करें।
जयपुर से भोपाल लौट रहे हैं कांग्रेस विधायक
ब्यूना विस्ता रिजॉर्ट में ठहरे मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए। वह भोपाल लौटना शुरू हो गए हैं। कल विधानसभा में कमलनाथ सरकार को बहुमत परीक्षण करना है। जिसके लिए कांग्रेस विधायकों को व्हिप जारी करके सरकार के समर्थन में मतदान करने के लिए कहा गया है।


कमलनाथ ने बुलाई कैबिनेट की बैठक
 राज्य में चल रहे सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
बागी विधायकों को पेश होने के लिए दोबारा नोटिस जारी


मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। इससे पहले विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस गे बागी विधायकों को आज शाम पांच बजे तक पेश होने का निर्देश दिया। वहीं, भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर जल्द बहुमत परीक्षण कराने की मांग की थी।


वहीं, विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के बागी विधायकों को 15 मार्च तक पेश होने का नोटिस जारी किया है। विधायकों को 15 मार्च (रविवार) शाम 5 बजे तक पेश होने को कहा गया है। वहीं, बागी विधायकों ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर सुरक्षा देने की मांग की है। इस बीच, भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर कमलनाथ सरकार को जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण का निर्देश देने की मांग की।


इससे पहले स्पीकर ने 22 विधायकों को तीन अलग-अलग तारीखों में पेश होने के लिए नोटिस दिया था। सूत्रों ने कहा, अगर विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं होते तो सरकार बहुमत परीक्षण टाल सकती है। सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है। दरअसल, संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने शुक्रवार को स्पीकर से विधायकों के इस्तीफे की जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि बंगलूरू के रिजॉर्ट में रुके ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी 19 सहित 22 कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।
विधायकों को बाध्य करने का कानूनी प्रावधान नहीं


विशेषज्ञों के मुताबिक कानूनी प्रावधान न होने से कांग्रेस और स्पीकर विधायकों को विधानसभा आने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। ऐसे में स्पीकर के लिए बहुमत परीक्षण ज्यादा समय टालना आसान नहीं होगा। पिछले साल कर्नाटक में ऐसी स्थिति बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस्तीफा देने के सात दिन के अंदर स्पीकर वैधता जांचे, अगर सही हो तो मंजूर करे, नहीं तो खारिज कर सकते हैं।


भोपाल, कांग्रेस नेता शोभा ओझा: पहली बात सरकार अल्पमत है ही नहीं। बंधकों की पीठ के पीछे आप बंदूक रखवाकर कुछ भी बुलवा सकते हैं। इस तरह की बचकानी हरकतों और षड्यंत्रों से देश नहीं चलता है। विधायकों को स्पीकर से मिलकर अपने इस्तीफे की पुष्टि करनी चाहिए।