मध्यप्रदेश की राजनीति मे खतों के जरिए घमासान






मध्यप्रदेश में राजनैतिक घटनाक्रम ने अब आरोप-प्रत्यारोप का रूप धारण कर लिया है। कांग्रेस-भाजपा ने एक दूसरे को पत्र लिखकर राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक खुले पत्र में भगवान हनुमान से प्रार्थना की है कि ‘वह भाजपा नेताओं को गरिमा और चरित्र प्रदान करें’। वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी कमलनाथ को खुला पत्र लिखकर कहा कि ‘प्रदेश में आई राजनीतिक अस्थिरता के कारण आपके भीतर उपजी घबराहट को हम समझ सकते हैं, लेकिन इसका कारण स्वयं आप और आपके ही सिपहसालार हैं, भारतीय जनता पार्टी नहीं’।


प्रदेश की जनता को लिखे खुले पत्र में कमलनाथ ने कहा, मैं भाजपा नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे इस तरह का प्रदर्शन न करें कि लोगों का प्रजातंत्र पर से भरोसा ही उठ जाए। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भाजपा नेताओं ने न सिर्फ राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है, बल्कि उन्होंने प्रदेश के विकास पर सीधा आक्रमण किया है।



भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि रेत और शराब माफिया प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हावी है। उन्होंने कमलनाथ से सवाल कर 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी भूमिका को स्पष्ट करने के लिए कहा। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।