- दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रही है। कोरोना से मरने वालों की संख्या में रोज बढ़ोतरी हो रही है। इस वायरस से अब तक एक लाख 70 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और 24 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि छह लाख 46 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 42 हजार को पार कर गई है और सात लाख 92 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
भारत मे
पुष्टि किए गए केस
18,985
ठीक हो गए
3,260
मौतें
603
जगह पुष्टि किए गए केस ठीक हो गए मौतें
मध्य प्रदेश
1,540
-
76
महाराष्ट्र
4,669
-
232
दिल्ली
2,081
-
47
गुजरात
2,066
-
77
राजस्थान
1,576
-
25
तमिल नाडु
1,520
-
17
उत्तर प्रदेश
1,294
-
20
तेलंगाना
919
-
23
आंध्र प्रदेश
757
-
22
जगह पुष्टि किए गए केस ठीक हो गए मौतें
मध्य प्रदेश
1,540
-
76
महाराष्ट्र
4,669
-
232
दिल्ली
2,081
-
47
गुजरात
2,066
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77
राजस्थान
1,576
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25
तमिल नाडु
1,520
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17
उत्तर प्रदेश
1,294
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तेलंगाना
919
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आंध्र प्रदेश
757
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22
चीन अपने देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के बहाने कई देशों में अपने पांव पसारने की कोशिश में है. चीन के इस चाल की भनक लगते ही यूरोपीय देशों ने अपने-अपने देशों के एफडीआई के नियमों में बदलाव कर दिए. चीन की इसी कोशिश को भारत ने भी नाकाम करने के लिए कदम बढ़ा दिए, बिना चीन का नाम लिए भारत ने उसके ऊपर वार कर दिया है. भारत ने अपनी सीमा से सटे देशों के लिए एफडीआई पर पाबंदी लगा दी है.
चीन भारत के इस कदम से तिलमिला गया है और WTO के नियमों की दुहाई देने लग गया है. भारत सरकार के इस कदम को विपक्षी दलों ने भी सराहा है और खुद राहुल गांधी ने इसे भारत सरकार का बेहतरीन फैसला बताया है. देश में कारोबार के ठप होने से देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट हुयी है. चीन इसी का फायदा उठाकर भारत समेत विश्व के कई देशों में निवेश करना चाहता था ताकि वह अपने व्यापार को फैला सके.
कोरोना वायरस के इस दौर में अब चीन भारत की तरफ निगाहें गड़ाए देख रहा है और अपना फायदा सोच रहा है
चीन के इस कदम को लोग भाँप गए और कई देशों ने चीन के निवेश पर पाबंदी लगा दी, भारत ने चीन पर सीधे तौर पर अंकुश तो नहीं लगाया बल्कि सीमा से सटे सभी देशों के सीधे निवेश पर पाबंदी लगा दी, यानि अब बिना भारत सरकार के मंजूरी के भारत का कोई भी पड़ोसी देश भारत में निवेश नहीं कर पाएगा, जिनमें चीन भी शामिल है.
चीन कोरोना से मुक्ति पा चुका है और दुनिया के लगभग सभी देश अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में चीन इसी संकट का फायदा उठाने में जुटा हुआ है और चीन की कंपनियां अन्य देशों की कंपनियों की हिस्सेदारी खरीदने में लगी हुयी हैं. ताकि अंतराष्ट्रीय बाजार में वह इस वक्त सबसे मजबूत स्थिति में आ जाए. चीन दुनिया भर में संकट के समय अपना फायदा चाहता है. वह भारत की बड़ी बड़ी कंपनियो में भी अपनी हिस्सेदारी चाहता था. भारत सरकार ने चीन के इस सपने को चकनाचूर कर दिया है. भारत सरकार ने चीन सहित सभी पड़ोसी देशों को भारत में हिस्सेदारी बढ़ाने से रोक दिया है, चीन बौखला गया है और नियम कानून समझाने में जुट गया है.
चीन की इस तिलमिलाहट ने उसकी चाल को सामने ला दिया है. अब कोई भी देश सीधे तौर पर चीन को अपने देश में पैर पसारने से रोकने की तैयारी में हैं. चीन ने इस संकट के समय दुनिया के कई देशों में अपने जाल बिछाने की तैयारी कर रखी है जिसपर धीरे-धीरे चीन खुद फंसता नज़र आ रहा है.