कोरोना संकट से बचने के लिए घर के बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी सामाजिक दूरी अपनाएं

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी ही जरूरी है। वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का मानना है कि सामाजिक दूरी का पालन सिर्फ बाजार या अन्य जगह नहीं करना है। इस फॉर्मूले को परिवार के बीच भी लाना होगा। जब तक वायरस सक्रिय है लोगों को इससे बचाव के लिए आपसी दूरी बनाकर रखनी होगी तभी सब सुरक्षित और खुशहाल रह सकते हैं। घर में 60 वर्ष से अधिक उम्र का कोई व्यक्ति है तो उससे दूर रहें और खास ख्याल रखें।
प्रो. माइकल का कहना है कि घर के सदस्य पहले तय कर लें कि घर का कौन एक व्यक्ति काम से बाहर जाएगा। घर से जितने कम लोग बाहर निकलेंगे संक्रमण का खतरा उतना कम होगा। जो बाहर जाए वह मास्क लगाकर जाए। घर में आने पर हाथों को अच्छे से धोए और संभव हो तो नहाकर कपड़े बदल लें। बिना हाथ धुले किसी चीज पर हाथ न लगाएं।
दूर-दूर बैठकर ही बात करें
यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर इन्फेक्सियस डिजीज एंड रिसर्च के निदेशक प्रो. माइकल ओस्टहोल्म का कहना है कि घर में दो लोग हैं तो भी सामाजिक दूरी जरूरी है। परिवार में आठ दस लोग हैं और कोई बीमार नहीं हैं तो भी साथ में पास-पास बैठने से बचना होगा। दरअसल, कोई सदस्य लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर जा रहा है तो सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है। वायरस की चपेट में कौन है ये कोई नहीं जानता क्योंकि कुछ मामलों में इसके लक्षण नहीं दिखते हैं।


चश्मा पहनते हैं तो शीशे को साफ करते रहें
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑपथैलमोलॉजी के डॉ. थॉमस स्टेनमैन्न का कहना है कि कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले लोग न की अपना चेहरा बल्कि लेंस को पहनते वक्त हाथों से आंखों को भी छूते हैं जिससे संक्रमण का खतरा है। फिर भी आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनना चाहते हैं तो हाथों को अच्छे से साफ करने के बाद ही चेहरे और आंख को छुएं। चश्मा पहनने वाले लोग थोड़े सुरक्षित जरूर हैं। हालांकि, उन्हें भी चश्मे का शीशा साफ करते रहना चाहिए और शीशे पर हाथ नहीं लगाना चाहिए।


खुद या बच्चों को न करें डिसइन्फेक्ट
डब्ल्यूएचओ के डॉ. माइक रियान बताते हैं कि बहुत जगह देखने को मिल रहा है कि लोगों ने डिसइन्फेक्टैंट मशीन या टनल तैयार की है और उसी से वे अपने साथ बच्चों को भी डिसइन्फेक्ट कर रहे हैं। डिसइन्फेक्ट करने का तरीका सिर्फ सतह या किसी चीज को करने के लिए है। शरीर को डिसइन्फेक्ट नहीं कर सकते हैं। डिसइन्फेक्टैंट में ब्लीच, 75 फीसदी एथेनॉल, क्लोरोफॉर्म और दूसरे तरह के हानिकारक केमिकल होते हैं जिससे शरीर, त्वचा या आंखों को नुकसान हो सकता है।


अफवाहों पर बिलकुल भी विश्वास न करें
लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ गया है। अफवाहों पर विश्वास बिलकुल न करें और कुछ भी सही मानकर बिना डॉक्टरी सलाह के उसका पालन न करें। देखा गया है कि कुछ लोगों ने वायरस से बचाव के लिए तरह-तरह के तेल को शरीर पर लगा रहे हैं। ऐसा न करें इससे वायरस से बचाव संभव नहीं है। खाने-पीने वाली पोस्ट को सही मानकर घर पर कोई सामग्री खुद से तैयार न करें। इससे नुकसान हो सकता है।