सीहोर कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन जिले भर में कोरोना संक्रमण से बचाव तथा मरीजों के उपचार की व्यवस्थाएं बनाने में लगा हुआ है। जिला मुख्यालय तथा तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पूरी तरह से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बनाने में लगे हुए हैं। जिला मुख्यायल पर तो एसडीएम जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं देख रहे हैं तथा दवाई तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण देख रहे हैं। राजस्व विभाग इस आपदा के समय कार्य में जुटे हैं, जिसका फायदा वर्तमान में खनन व भू माफिया उठा रहे हैं। शहर व नगर निगम के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध उत्खनन लगातार किया जा रहा है। सीहोर जिले के गांव बमूलिया एवं पड़ियाल की सीमा मे नदी से काली रेत बजरी का अवैध उत्खनन के सबूत वहां चल रही जेसीबी मशीन एवं सौ से अधिक ट्रेक्टर देखे जा सकते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं। वर्तमान में अवैध उत्खनन जारी है। कई बार दिन दहाड़े अवैध उत्खनन करते देखा जाता है लेकिन शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी ना ही अवैध उत्खनन रोकते है ना ही कोई कार्रवाई की जाती है। वर्तमान में भू माफिया सक्रिय है जो लगातार अवैध उत्खनन करते हैं, लेकिन जिला प्रशासन समय रहते कार्रवाई नहीं करता है। जिले में खनन माफिया का जाल फैला हुआ है। ये लोग अफसरशाहों के साथ सांठगांठ कर शासन को करोड़ों रूपए के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। सीहोर जिले की श्यामपुर तहसील एवं राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के बीच मे खनन माफिया का जाल फैला हुआ है। ये लोग अफसरशाहों के साथ सांठगांठ कर शासन को करोड़ों रूपए के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। बजरी हो या मुरम या फिर पत्थर हर जगह खनन माफियाओं का कब्जा है। जिले में कहीं भी रेत-बजरी की खदान लीज पर न होने के बावजूद रोजाना सैकड़ों ट्राली बजरी व रेत यहां आ रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार आखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं।
अवैध उत्तखनन का कारोबार अधिकारियों की नाक के नीचे खुलेआम चल रहा है